उत्तराखंड

चुनाव चिन्ह (सिंबल) आवंटन की प्रक्रिया को अस्थाई रूप से स्थगित

उत्तराखण्ड
14 जुलाई 2025
चुनाव चिन्ह (सिंबल) आवंटन की प्रक्रिया को अस्थाई रूप से स्थगित
देहरादून। उत्तराखंड में पंचायत चुनावों को लेकर इस वक्त की सबसे बड़ी खबर देहरादून से सामने आ रही है। राज्य निर्वाचन आयोग ने सोमवार यानी आज 14 जुलाई को होने वाली चुनाव चिन्ह (सिंबल) आवंटन की प्रक्रिया को अस्थाई रूप से दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया है। यह निर्णय हाईकोर्ट के उस आदेश के बाद लिया गया है जिसमें स्पष्ट किया गया है कि जिन व्यक्तियों के नाम नगर निकाय और ग्राम पंचायत दोनों की मतदाता सूची में दर्ज हैं, उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

इस आदेश के बाद निर्वाचन आयोग ने स्थिति स्पष्ट होने तक सिंबल आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। सोमवार को राज्य के 12 जिलों में चुनाव चिन्ह आवंटन की प्रक्रिया प्रस्तावित थी, जिसे अब फिलहाल के लिए टाल दिया गया है। आयोग का कहना है कि उच्च न्यायालय के निर्देशों का पूर्ण पालन सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दोहरे मतदाता सूची वाले प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग के पूर्व आदेश को भी अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। इसी संदर्भ में आयोग ने अब हाईकोर्ट में एक आवेदन देकर अपना पक्ष भी दर्ज कराया है, जिसमें उसने पूर्व निर्णयों की वैधानिकता को स्पष्ट करने की कोशिश की है।

सोमवार को इस प्रकरण पर फिर से सुनवाई होनी है, और उसी के आधार पर यह तय होगा कि आगे चुनाव चिन्ह आवंटन की प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ेगी। आयोग का ध्यान फिलहाल कोर्ट के रुख पर टिका हुआ है। इस बीच जिन प्रत्याशियों को चिन्ह मिलना था, वे भी अब असमंजस में हैं। यह स्पष्ट है कि आयोग किसी भी तरह की वैधानिक चूक नहीं करना चाहता। पंचायत चुनावों की पारदर्शिता बनाए रखने और मतदाताओं का विश्वास मजबूत करने के लिए यह निर्णय महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हाईकोर्ट का अगला आदेश ही तय करेगा कि आगे की चुनावी प्रक्रिया किस दिशा में जाएगी।

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