उत्तराखंड

पूर्णा पर्वत पर विरामान मां पूर्णागिरी के दर्शन को उमड़ी भीड़

उत्तराखण्ड
13 अप्रैल 2024
पूर्णा पर्वत पर विरामान मां पूर्णागिरी के दर्शन को उमड़ी भीड़
टनकपुर। नवरात्र के पहले दिन पूर्णा पर्वत पर शक्तिपीठ मां पूर्णागिरि के दर्शन के लिए करीब 60 हजार श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा। पुलिस ने व्यवस्था बनाए रखने के लिए जगह-जगह बेरिकेडिंग की थी। एसपी ने पुलिस टीम के साथ सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। मंदिर समिति के अध्यक्ष किशन तिवारी भी स्वयंसेवकों के साथ श्रद्धालुओं को दर्शन कराने की व्यवस्था में जुटे रहे। पूरे मेला पड़ाव क्षेत्र में मां के जयकारों की गूंज रही। मां के दर्शन के बाद श्रद्धालुओं ने शारदा घाट पर स्नान किया और बैराज मार्ग होकर नेपाल के ब्रह्मदेव मंडी स्थित बाबा सिद्धनाथ के दर्शन किए। जल पुलिस के साथ कोतवाली पुलिस के एएसआई प्रताप सिंह के नेतृत्व में टीम वोट से नदी के किनारे श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान और अधिक गहरे में न उतरने की चेतावनी देती रही।

मान्यता के अनुसार दक्ष प्रजापति की पुत्री सती ने अपने पति महादेव के अपमान के विरोध में दक्ष प्रजापति द्वारा आयोजित यज्ञ कुण्ड में अपने प्राणों की आहूति दे दी थी. जिसके बाद भगवान विष्णु ने महादेव के क्रोध को शांत करने के लिए अपने चक्र से सती के शरीर को 51 टुकड़ों में बांट दिया. वहीं जब महादेव मां को कैलाश की ओर ले जा रहे थे, तब जहां-जहां सती के शरीर के हिस्से गिरे. वहां- वहां एक शक्ति पीठ स्थापित हुआ. इसी क्रम में पूर्णागिरि शक्ति पीठ स्थल पर सती की नाभि गिरी थी. माता सती के नाभि स्थल के रूप में मां पूर्णागिरी की पूजा होती है.

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