20 वर्षों के कार्यकाल में खुद तो कुछ किया नहीं, अब विकास कार्यो पर लगा रहे प्रश्न चिन्ह
उत्तराखण्ड
5 जून 2025
20 वर्षों के कार्यकाल में खुद तो कुछ किया नहीं, अब विकास कार्यो पर लगा रहे प्रश्न चिन्ह
काशीपुर। काशीपुर पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा द्वारा महापौर दीपक बाली की विकास परक सोच से खिसिया कर और चौराहो का नाम बदलने से हुई पीड़ा को लेकर की गई प्रेस कांफ्रेंस के विरोध में आज नगर निगम के सभी पार्षद एक मंच पर आ गए और उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक को लगता है शहर का विकास हजम नहीं हो रहा क्योंकि उन्होंने खुद तो अपने 20 वर्षों के कार्यकाल में कुछ किया नहीं और अब जब रुकी हुई विकास की गाड़ी को दीपक बाली तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं तो यह पूर्व विधायक को नागवार लग रहा है। पार्षदों ने सवाल उठाया कि जिस पार्टी संगठन को साथ लेकर चलने की बात श्री चीमा कर रहे हैं इसका जवाब वह खुद दें कि उन्होंने 20 सालों तक संगठन को कितनी तवज्जो दी।
पार्षद सतीश शर्मा, पुष्कर बिष्ट, अनिता कांबोज, अंजना, गुंजन प्रजापति वैशाली गुप्ता, मोहम्मद मोनीष आशी संदीप सिंह मोनू अनिल कुमार पार्षद पति प्रकाश नेगी आदि ने साफ कहा कि विकास के मामले में उन्होंने आज तक ऐसा मेयर नहीं देखा है। 100 दिन में 63 करोड रुपए के काम चालू करा कर उन्होंने एक नया इतिहास रच दिया है। हर वार्ड में करोड़ों रुपए की लागत से सड़के बन रही है गैबिया और गूल की तली झाड सफाई हो रही है और हो रहे विकास कार्यों के चलते पार्षदों को भी जनता का भरपूर स्नेह और सम्मान मिल रहा है। दीपक बाली की कार्य प्रणाली बिल्कुल पारदर्शी है और वह दलगत भावना तथा जाति धर्म से ऊपर उठकर सभी वार्डों का समुचित और चौमुखी विकास कर रहे हैं। उनके ऊपर कोई भी आरोप लगाना पूरी तरह से गलत है और जहां तक चौराहों के नाम बदलने का सवाल है यह मांग जनता की तरफ से और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं की तरफ से आई थी और उन्हीं के आधार पर बोर्ड में चौराहों के नाम बदलने और उनका सौंदर्यीकरण करने का प्रस्ताव पास हुआ था। इसके बाद ही यह कार्रवाई चल रही है। पूर्व विधायक जो भी बयान बाजी कर रहे हैं वह पूरी तरह से अनर्गल है और उन्हें चाहिए था कि विकास के क्षेत्र में काशीपुर को तेजी से गति देने के लिए वे सभी पार्षदों और मेयर की पीठ थपथपाते और उनका हौसला बढ़ाते लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। दीपक बाली विकास के कार्यों को पेंडिंग नहीं डालते और जो भी पार्षद उनके समक्ष अपनी जो भी समस्या लेकर आता है उसका तत्काल निदान करते हैं। जहां तक जनता का सवाल है तो विधायक का यह कहना कि उनके यहां भीड़ नहीं होती यह बात सही है क्योंकि उनके यहां कोई जाता ही नहीं जबकि नगर निगम में आए दिन जनता दरबार जैसी स्थिति होती है और भीड़ इस कारण है कि लोग अपनी हर छोटी बड़ी समस्या के लिए उनके पास आ रहे हैं और समस्याओं का निराकरण भी तत्काल हो रहा है जिससे जनता का जिस तरह से महापौर दीपक बाली को सम्मान और स्नेह मिल रहा है उससे पूर्व विधायक खिसिया गए हैं। महापौर सभी पार्षदों को यथा योग्य सामान देते हैं और किसी से कोई भेदभाव नहीं समझते यही कारण रहा कि आज के इस कार्यक्रम में जिन पार्षदों को विपक्षी माना जाता है वह भी मंच पर आए और उन्होंने महापौर दीपक बाली की कार्य प्रणाली को शानदार और श्रेष्ठ बताया। सभी पार्षदों ने एक स्वर में कहा कि शिलान्यास करने महापौर जरूर जाते हैं मगर वह शिलान्यास कराते पार्षदों से हैं। जहां तक संगठन का सवाल है शिलान्यास कार्यक्रमों में भी बूथ अध्यक्ष मंडल अध्यक्ष तथा शक्ति केंद्र संयोजक तक को साथ रखते हैं और उनका सम्मान बढ़ाते हैं जबकि पूर्व विधायक 20 वर्ष तक विधायक रहने के बाद भी आज तक पार्टी के लोगों के नाम तक नहीं जानते और बात करते हैं संगठन की। पार्षदों ने कहा कि पूर्व विधायक के कार्यकाल में जब भी उनके पास जाते थे तो वह उन्हें टरका देते थे और बिजली के खंभे तक उपलब्ध नहीं करवा पाते थे। जहां तक सड़कों का सवाल है तो भी यह पूछते थे कि उस सड़क पर कितने लोग रहते हैं? जबकि दीपक वाली कुछ नहीं पूछते केवल विकास पर ध्यान देते हैं। जब जब मुख्यमंत्री काशीपुर आए तब तक पूर्व विधायक और वर्तमान विधायक को ससम्मान आमंत्रित कर मंच पर स्थान दिया गया। जब प्रधानमंत्री आवास योजना के चौक बांटे जा रहे थे तब विधायक त्रिलोक सिंह चीमा को भी बुलाया गया तो फिर पूर्व विधायक अपनी और विधायक की उपेक्षा की बात क्यों कर रहे हैं? आज के इस कार्यक्रम में पार्षद बीना नेगी, अनीता कांबोज, दीपा पाठक, अंजना, सुरेश सैनी, पुष्कर बिष्ट, वैशाली गुप्ता, संजय शर्मा , घनश्याम सैनी, अनूप सिंह, सीमा सागर, प्रिंस बाली, मयंक मेहता, गुंजन प्रजापति, मोहम्मद मोनिश आशी, अरशद भाई, सतीश कुमार, अनिल कुमार, अशोक सैनी, मोहम्मद शरीफ,मिराज जहां के पति, रवि प्रजापति, अब्दुल कादिर, हुसैन जहां के पति, सरफराज, जीनत बानो के पति, शाह आलम संदीप सिंह मोनू आदि मौजूद रहे और प्रेस वार्ता का संचालन पार्षद संजय शर्मा ने किया। कुछ पार्षद निजी कारणों या बाहर होने के कारण नहीं आ पाए