होली की तैयारियां जोरों पर पंचांग के अनुसार यह है शुभ मुहूर्त
उत्तराखण्ड
23 मार्च 2024
होली की तैयारियां जोरों पर पंचांग के अनुसार यह है शुभ मुहूर्त
काशीपुर। होली की तैयारियों जोरों पर शुरू हो चुकी हैं। इस बार 24 मार्च को होलिक दहन है और 25 मार्च को धुलेंडी है। होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तिथि पर किया जाएगा। इस बार होलिका पर भद्रा का साया है। इस वजह से एक घंटे का समय ही मिलेगा जो होलिका दहन लिए शुभ होगा। नगर में अलग-अलग स्थानों पर होली दहन किया जाता है जिसमें सिंघान होली, लाहोरियान होली, मुंशीराम चौराहा होली, किला होली, महेशपुरा होली, आवास विकास की होली काफी प्रसिद्ध है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी होली के रंग वाले दिन शाम भारत विकास परिषद द्वारा मेले का आयोजन भी किया गया है।
इस बार भी होलिका दहन के अवसर पर भद्रा का साया है इस कारण होलिका दहन भद्रा की समाप्ति के बाद किया जाएगा। पंचांग शुद्धि में भद्रा का खास महत्व है। पंचांगों के अनुसार 24 मार्च को पूर्णिमा तिथि का आरंभ सुबह 9.56 बजे से होगा और 25 मार्च दोपहर 12.30 बजे तक रहेगी। 24 मार्च को पूर्णिमा तिथि के आरंभ के साथ ही भद्रा लगी रही है और रात में 11.14 बजे तक भद्रा रहेगी। ऐसे में भद्राकाल समाप्त होने के बाद ही होलिका दहन करना शुभ रहेगा। अतः होलिका दहन 24 मार्च रविवार को भद्रा समाप्ति के बाद रात्रि 11.15 से 12.20 के मध्य होलिका दहन शुभ रहेगा। वहीं होलिका का पूजन प्रदोष काल व रात्रिकाल में शुभ रहेगा।
क्या है भद्रा
पुराणों के अनुसार भद्रा भगवान सूर्य की पुत्री और शनिदेव की बहन है। यह प्रायः अशुभ दृष्टि वाली है। ज्योतिष में तिथि, वार, योग, नक्षत्र और करण से मिलकर पंचांग बनता है। इनमें से 7वें करण विष्टि का नाम ही भद्रा है। यह सदैव गतिशील होती है। वैसे तो भद्रा का अर्थ मंगल करने वाला होता है, लेकिन इस अर्थ के विपरीत विष्टि या भद्रा करण में शुभ कार्य निषेध बताए गए हैं। वैसे लगभग प्रत्येक पूर्णिमा पर भद्रा आती है, लेकिन होली तथा रक्षाबंधन पर्व पर इसका प्रभाव अधिक रहता है। भद्रा का कुछ राशियों पर शुभ तो कुछ पर अशुभ प्रभाव भी दिखेगा।
मिलेगा सिर्फ एक घंटा 20 मिनट
रंगों का त्योहार होली हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि के दिन बाद मनाया जाता है। होली के एक दिन पहले पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन किया जाता है। इस बार होलिका दहन 24 मार्च 2024 को है फिर उसके एक दिन बाद 25 मार्च को होली खेली जाएगी। हिंदू धर्म में होली का त्योहार विशेष महत्व रखता है। होली के एक दिन पहले होलिका दहन होती है। जिसमें लोग बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। होली के दिन सभी मिलकर एक दूसरे को रंग, अबीर और गुलाल लगाते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार होलिका दहन के लिए एक घंटा 20 मिनट का ही समय रहेगा। इसकी वजह इस दिन उस दिन भद्रा प्रातः 9.55 से आरंभ होकर मध्य रात्रि 11.13 तक भूमि लोक की रहेगी। जो की सर्वथा त्याज्य है। अतः होलिका दहन भद्रा के पश्चात मध्य रात्रि 11.13 से मध्य रात्रि 12.33 के मध्य होगा। होलिका दहन के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07.34 बजे से अगले दिन सुबह 06.19 बजे तक है। वहीं रवि योग रवि योग सुबह 06.20 बजे से सुबह 07.34 बजे तक है।