उत्तराखंड

लव जिहाद का आरोप, हिंदूवादी संगठनों ने किया प्रदर्शन

उत्तराखण्ड
21 सितम्बर 2025
लव जिहाद का आरोप, हिंदूवादी संगठनों ने किया प्रदर्शन
रामनगर। रामनगर में लापता नाबालिग छात्रा के युवक के घर से बरामद होने से जुड़े मामले पर रविवार को हिंदूवादी संगठनों ने प्रदर्शन किया. विभिन्न संगठनों ने शहीद पार्क लखनपुर से जुलूस निकालकर रानीखेत रोड पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए लव जिहाद का पुतला फूंका.

दरअसल, दो दिन पहले रामनगर नगर क्षेत्र में कक्षा आठ की एक छात्रा लापता हो गई थी. काफी खोजबीन के बाद छात्रा अपने एक युवक दोस्त के घर से बरामद हुई थी. इस मामले में हिंदू संगठनों ने नाबालिग छात्रा को युवक द्वारा प्रेम जाल में फंसाने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया और लव जिहाद का आरोप लगाते हुए पुतला फूंका.

छात्रा के परिजनों ने आरोप लगाया कि बच्ची कोचिंग सेंटर जाती थी, जहां पर उसकी एक मुस्लिम सहेली ने उसे अपने परिचित युवक से मिलवाया. इसके बाद छात्रा पर दबाव बनाया गया और यहां तक कि उसे बुर्का पहनाया गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ.

परिजनों के मुताबिक, घटना के दिन किशोरी घर से कॉलेज के लिए निकली थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. बाद में पुलिस और परिजनों की खोजबीन में छात्रा, युवक के घर से बरामद हुई. इस घटना से परिजनों के साथ ही स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया है.

रविवार को हुए प्रदर्शन के दौरान हिंदूवादी संगठनों ने आरोपी पर कड़ी कार्रवाई की मांग की. भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष मदन जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है. उन्होंने यहां तक कहा कि आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाकर सरकार को कड़ा संदेश देना चाहिए. ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की घटना को अंजाम देने की कोशिश न करे.

उन्होंने कहा कि इस मामले ने समाज को झकझोर दिया है और इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि 23 सितंबर को रामनगर में एक विशाल प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल होकर विरोध जताएंगे.

वहीं विश्व हिंदू परिषद की उपाध्यक्ष आरती रावत ने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है. यदि प्रशासन और पुलिस समय रहते ऐसे मामलों पर सख्ती नहीं दिखाती तो आक्रोश और बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि प्रशासन ऐसी घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाए.

इस पूरे प्रकरण ने रामनगर शहर का माहौल तनावपूर्ण कर दिया है. हालांकि पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. लेकिन हिंदूवादी संगठनों का कहना है कि जब तक आरोपी को कड़ी सजा नहीं मिलती और इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे.ने एक युवक दोस्त के घर से बरामद हुई थी. इस मामले में हिंदू संगठनों ने नाबालिग छात्रा को युवक द्वारा प्रेम जाल में फंसाने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया और लव जिहाद का आरोप लगाते हुए पुतला फूंका.

छात्रा के परिजनों ने आरोप लगाया कि बच्ची कोचिंग सेंटर जाती थी, जहां पर उसकी एक मुस्लिम सहेली ने उसे अपने परिचित युवक से मिलवाया. इसके बाद छात्रा पर दबाव बनाया गया और यहां तक कि उसे बुर्का पहनाया गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ.

परिजनों के मुताबिक, घटना के दिन किशोरी घर से कॉलेज के लिए निकली थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. बाद में पुलिस और परिजनों की खोजबीन में छात्रा, युवक के घर से बरामद हुई. इस घटना से परिजनों के साथ ही स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया है.

रविवार को हुए प्रदर्शन के दौरान हिंदूवादी संगठनों ने आरोपी पर कड़ी कार्रवाई की मांग की. भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष मदन जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है. उन्होंने यहां तक कहा कि आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाकर सरकार को कड़ा संदेश देना चाहिए. ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की घटना को अंजाम देने की कोशिश न करे.

उन्होंने कहा कि इस मामले ने समाज को झकझोर दिया है और इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि 23 सितंबर को रामनगर में एक विशाल प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल होकर विरोध जताएंगे.

वहीं विश्व हिंदू परिषद की उपाध्यक्ष आरती रावत ने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है. यदि प्रशासन और पुलिस समय रहते ऐसे मामलों पर सख्ती नहीं दिखाती तो आक्रोश और बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि प्रशासन ऐसी घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाए.

इस पूरे प्रकरण ने रामनगर शहर का माहौल तनावपूर्ण कर दिया है. हालांकि पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. लेकिन हिंदूवादी संगठनों का कहना है कि जब तक आरोपी को कड़ी सजा नहीं मिलती और इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे.

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