राम जन्मभूमि मंदिर में आरती पास प्राप्त करने की ऑनलाइन बुकिंग शुरू
उत्तराखण्ड
29 दिसम्बर 2023
राम जन्मभूमि मंदिर में आरती पास प्राप्त करने की ऑनलाइन बुकिंग शुरू
अयोध्या। रामलला के अभिषेक समारोह 22 जनवरी से पहले राम जन्मभूमि मंदिर में आरती पास प्राप्त करने के लिए बुकिंग बृहस्पतिवार से शुरू हो गई। दिन में तीन बार (सुबह 6.30 बजे, दोपहर 12.00 बजे और शाम 7.30 बजे) भगवान राम की आरती की जाएगी। आरती पास के लिए खंड प्रबंधक ध्रुवेश मिश्र ने बताया कि सुबह के समय शृंगार आरती, दोपहर में भोग आरती और शाम के समय संध्या आरती होगी। हर आरती में अधिकतम 30 लोगों के शामिल होने की अनुमति होगी, जिसके लिए पास जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा कारणों से आरती के लिए सीमित संख्या में पास जारी करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में यह संख्या बढ़ाई जा सकती है।
ऑनलाइन पास बनना शुरू
मिश्र ने बताया कि ऑनलाइन पास जारी करने का काम पहले ही शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि मंदिर के पोर्टल से भक्त अपने पास ऑनलाइन बना सकते हैं, लेकिन उन्हें अयोध्या के काउंटर से प्राप्त करना होगा। पास के लिए आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट इन चार में से कोई एक दस्तावेज देना होगा। जिस दस्तावेज पर पास बनेगा, उसे अपने पास रखना होगा। पास के लिए शुल्क के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सुविधा सभी के लिए समान है चाहे वह अमीर हो, गरीब हो, बड़ा हो या बुजुर्ग हो।
सात दिनों तक चलेगा प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 16 से 22 जनवरी तक होगी। सात दिनों तक वृहद अनुष्ठान के बीच रामलला नए मंदिर में विराजेंगे। 22 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों श्रीरामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी। प्राण प्रतिष्ठा से पहले सरयू जल से रामलला का अभिषेक भी किया जाएगा। रामलला रामनगरी की पंचकोसी परिक्रमा करेंगे, अयोध्या के मंदिरों में दर्शन-पूजन करेंगे।
ये है प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम
16 जनवरी- मंदिर ट्रस्ट की ओर से नियुक्त यजमान की ओर से प्रायश्चित, सरयू नदी के तट पर दशविध स्नान, विष्णु पूजन और गोदान।
17 जनवरी- रामलला की मूर्ति के साथ अयोध्या भ्रमण करेगी शोभायात्रा, मंगल कलश में सरयू का जल लेकर मंदिर पहुंचेंगे श्रद्धालु।
18 जनवरी- गणेश अंबिका पूजन, वरुण पूजन, मातृका पूजन, ब्राह्मण वरण व वास्तु पूजन से विधिवत अनुष्ठान आरंभ होगा।
19 जनवरी- अग्नि स्थापना, नवग्रह स्थापना और हवन।
20 जनवरी- मंदिर के गर्भगृह को सरयू के पवित्र जल से धोने के बाद वास्तु शांति और अन्नाधिवास होगा।
21 जनवरी- 125 कलशों से दिव्य स्नान के बाद शैयाधिवास कराया जाएगा।
22 जनवरी- सुबह पूजन के बाद दोपहर के मृगशिरा नक्षत्र में रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा होगी