मानपुर फिरोजपुर की खसरा खतौनी ऑनलाइन होने से विस्थापितों में खुशी
उत्तराखण्ड
3 जनवरी 2024
मानपुर फिरोजपुर की खसरा खतौनी ऑनलाइन होने से विस्थापितों में खुशी
काशीपुर। पौड़ी गढ़वाल की कोटद्वार तहसील से विस्थापित 54 परिवारों को लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार संक्रमणीय भूमिधरी वर्ग ए(क) का अधिकार मिल गया है। अब यह गांव मानपुर फिरोजपुर के नाम से ऑनलाइन होने से विस्थापितों में खुशी है। अब सरकारी अभिलेखों के हिसाब से यह परिवार सरकारी सुविधाओं के हकदार हो गए हैं।
वर्ष 1994 में कोटद्वार के गांव धारा, झिरना, कोठीरो के 54 परिवारों को शासन-प्रशासन ने यह कहकर विस्थापित किया था कि यह क्षेत्र वन बंदोबस्त के तहत प्रोजेक्ट कार्बेट टाइगर रिजर्व क्षेत्र में आ गया है। इसके चलते शासन-प्रशासन ने सभी को काशीपुर के मानपुर स्थित नई बस्ती में विस्थापित कर दिया था। तब सभी 54 परिवार यहां आकर बस गए थे लेकिन इनको सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा था। विस्थापित अनिल भारद्वाज ने बताया कि लगभग तीस साल से यहां रहने वाले परिवारों ने तमाम आंदोलन किए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद विस्थापितों ने राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर अपनी व्यथा बताई। लगभग डेढ़ वर्ष पहले कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत काशीपुर आए थे। तब विस्थापितों ने उन्हें अपनी परेशानी से उन्हें बताई। इसके बाद भूमिधरी की प्रक्रिया शुरू हुई।
इसके बाद 18 जुलाई 2023 को एसडीएम अभय प्रताप सिंह ने मानपुर नई बस्ती में पहुंचकर विस्थापित 54 परिवारों को प्रपत्र-10 बांटे थे। इसमें तय समय सीमा में कोई आपत्ति नहीं आने पर शासन को भूमिधरी हक संबंधी स्वीकृति पत्र भेजा गया था। इसके बाद 18 जनवरी 2024 को सचिव राजस्व ने भूमिधरी अधिकार की अधिसूचना जारी की इसके बाद से गांव में खुशी का माहौैल है लेकिन गांव तहसील में ऑनलाइन नहीं होने से निराशा थी।
अभय प्रताप सिंह, एसडीएम, काशीपुर ने बताया कि पौड़ी गढ़वाल की कोटद्वार तहसील से विस्थापित 54 परिवारों को लंबे संघर्ष के बाद वर्ग ए(क) का अधिकार मिल गया है। अब विस्थापित आसानी से अपनी खतौनी ले सकेंगे। साथ ही सरकारी सुविधा का लाभ पाने में आसानी होगी।