दूषित कफ सिरप मामले के बाद उत्तराखंड में सख्ती
उत्तराखण्ड
5 अक्टूबर 2025
दूषित कफ सिरप मामले के बाद उत्तराखंड में सख्ती
देहरादून। देश के राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत के मामले सामने आये हैं. इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने भी सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी थी. इसी क्रम में अब उत्तराखंड सरकार ने भी प्रतिबंधित कफ सिरप और दवाइयों के खिलाफ सख्त अभियान शुरू कर दिया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग और एफडीए की संयुक्त टीमें प्रदेश के सभी मेडिकल स्टोर्स, थोक विक्रेताओं और अस्पतालों की औषधि दुकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही हैं.
राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप के सेवन से बच्चों के मौत का मामला सामने आने के बाद देशभर में छापेमारी का अभियान छिड़ गया है. केंद्र सरकार ने बाकायदा इसके लिए एडवाइजरी भी जारी की है. साथ ही सभी राज्यों को एडवाइजरी का पालन करने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में केंद्र सरकार की एडवाइजरी पर उत्तराखंड ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है. स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को आदेश जारी करते हुए कहा कि भारत सरकार की एडवाइजरी को प्रदेश में तत्काल प्रभाव से लागू कराया जाए. बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य से बड़ा कोई विषय नहीं हो सकता.
ऐसे में स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि औषधि निरीक्षक चरणबद्ध तरीके से कफ सिरपों के सैंपल एकत्र करें और उनकी गुणवत्ता की जांच प्रयोगशाला में कराएं, ताकि किसी भी दोषपूर्ण या हानिकारक दवा को बाजार से तत्काल हटाया जा सके. यही नहीं, सचिव ने प्रदेश के सभी चिकित्सकों से अनुरोध किया है कि केंद्र सरकार की एडवाइजरी का संज्ञान लेते हुए वे बच्चों के लिए प्रतिबंधित कफ सिरप न लिखें. क्योंकि चिकित्सक इन सिरपों को लिखेंगे तो मेडिकल स्टोर भी उन्हें बेचेंगे. इसलिए ज़रूरी है कि डॉक्टर खुद भी जिम्मेदारी दिखाएं और प्रतिबंधित दवाओं से परहेज़ करें.
स्वास्थ्य सचिव के आदेश के बाद राज्यभर में युद्धस्तर पर छापेमारी की जा रही है. खुद अपर आयुक्त ने देहरादून के जोगीवाला, मोहकमपुर समेत कई क्षेत्रों में औषधि दुकानों का निरीक्षण किया. सभी जिलों में औषधि निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस महीने के भीतर सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और खुदरा दुकानों से सिरपों के नमूने लेकर प्रयोगशाला परीक्षण करवाएं


