कॉर्बेट पार्क में हाथी सफारी एक बार फिर शुरू
उत्तराखण्ड
11 अप्रैल 2025
कॉर्बेट पार्क में हाथी सफारी एक बार फिर शुरू
रामनगर। अगर आप उत्तराखंड स्थित विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क घूमने का प्लान बना रहे हैं तो यह खबर आपके लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है. करीब सात सालों के लंबे इंतजार के बाद अब कॉर्बेट पार्क में हाथी सफारी एक बार फिर शुरू होने की उम्मीद जगी है. इससे पर्यटकों को पार्क की जैव विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव करने का एक और रोमांचक जरिया मिल सकेगा.
इस संबंध में जानकारी देते हुए उत्तराखंड के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन रंजन मिश्रा ने बताया कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो बहुत जल्द देश-विदेश से आने वाले पर्यटक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हाथी सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे. उन्होंने कहा कि हाथी की सफारी पर्यटकों के लिए एक अनोखा अनुभव होता है. विशेषकर बच्चों के लिए जो हाथियों की सवारी को बेहद पसंद करते हैं.
2018 में लगा था प्रतिबंधरू गौरतलब है कि साल 2018 में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 का हवाला देते हुए कॉर्बेट नेशनल पार्क में हाथियों के व्यावसायिक उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके तहत हाथियों को सफारी के लिए इस्तेमाल करना प्रतिबंधित कर दिया गया था. जिससे हाथी सफारी पूरी तरह बंद हो गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने लगाया स्टेरू इस फैसले के खिलाफ वन विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर स्थगन (स्टे) लगा दिया है. जिससे एक बार फिर हाथी सफारी की राह खुलती नजर आ रही है. इस फैसले से न केवल पर्यटक उत्साहित हैं. बल्कि स्थानीय लोगों, महावतों और वन्यजीव प्रेमियों में भी खुशी की लहर दौड़ गई है.
हाथी सफारी के दोबारा शुरू होने से कॉर्बेट नेशनल पार्क में पर्यटन गतिविधियों को एक नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है. पर्यटक अब जिप्सी सफारी के साथ-साथ हाथी सफारी का भी आनंद ले सकेंगे. इससे पार्क में आने वाले पर्यटकों को जंगल की गहराई तक जाने और वहां के जीव-जंतुओं को नजदीक से देखने का अनूठा अवसर मिलेगा.
हाथी सफारी का एक बड़ा फायदा यह भी है कि हाथी, जंगल में बिना शोर के चलते हैं और कठिन इलाकों में भी आसानी से पहुंच सकते हैं. इससे पर्यटक उन क्षेत्रों में भी जा सकेंगे, जहां जिप्सी सफारी की पहुंच नहीं है. साथ ही यह अनुभव बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी ज्यादा सुरक्षित और रोमांचक होगा.
महावतों को मिलेगा रोजगाररू हाथी सफारी शुरू होने से कॉर्बेट पार्क के आसपास के गांवों में रहने वाले महावतों और हाथी पालकों को भी लाभ होगा. पिछले सात सालों से जिन महावतों का जीवन यापन हाथियों के जरिए होता था. वे इस फैसले से राहत की सांस ले रहे हैं. हाथी सफारी के फिर से शुरू होने से उन्हें न केवल रोजगार मिलेगा, बल्कि उनके पारंपरिक कौशल का भी पुनः उपयोग होगा.
वन्यजीव प्रेमियों की प्रतिक्रियारू वन्यजीव प्रेमियों ने भी इस संभावित फैसले का स्वागत किया है. उनका कहना है कि अगर यह पहल सही दिशा में की जाती है तो इससे न केवल पर्यटकों को लाभ मिलेगा. बल्कि हाथियों की देखरेख और संरक्षण भी बेहतर ढंग से हो सकेगा. कई विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हाथी सफारी को नियंत्रित और पशु कल्याण नियमों के तहत संचालित किया जाए तो यह वन्यजीव पर्यटन के लिए एक अनुकरणीय मॉडल बन सकता है.