कस्बा नहीं यह शहर है – संदीप सहगल इतिहास बनाने को सात दिन दूर
उत्तराखण्ड
17 जनवरी 2025
कस्बा नहीं यह शहर है – संदीप सहगल इतिहास बनाने को सात दिन दूर
काशीपुर। काशीपुर का नगर निगम चुनाव अब अपने आखिर दौर में है अब मतदान को सात दिन ही बचे है। इस बार कांग्रेस पार्टी नगर निगम में पहली बार यह सीट अपने नाम करने के लिए अपनी पूरी ताकत मैदान में उतरी है ।
आये कुछ इतिहास की बात करते है काशीपुर नगर निगम का इतिहास करीब 155 वर्ष पुराना है। 05 मार्च 1872 को अंग्रेजी हुकूमत के समय काशीपुर की चतुर्थ श्रेणी की नगर पालिका का गठन हुआ था।
इस नगर पालिका भवन के लिए भूमि दान में काशीपुर के प्रतिष्ठित चौबे परिवार ने दी थी। काशीपुर के पहले और दूसरे चेयरमैन भी चौबे परिवार से ही रहे थे। पांचवे चेयरमैन लक्ष्मी नारायण शर्मा रहे ।
नगर पालिका गठन के समय काशीपुर की आबादी रिकॉर्ड के अनुसार करीब 13,331 थी। वर्तमान में नगर निगम की आबादी वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 1.21 लाख के करीब है। इसमें 40 वार्ड है। 23 मई 1957 को यह तृतीय, एक दिसंबर 1966 को यह 2 श्रेणी और 11 जनवरी 1977 को यह प्रथम श्रेणी की नगर पालिका बनी। 27 जनवरी 2013 को इसको नगर निगम का दर्जा मिला।
प्रथम चेयरमैन चौबे परिवार के राजकुमार चौबे बने
इनका कार्यकाल 18-8-1914 से 3-12-1921 तक रहा। ये करीब सात साल चेयरमैन रहे।
दूसरे चेयरमैन भी चौबे परिवार से ही अमरनाथ चौबे बने।
वे 18-12-1921 से 12-12-1925 तक रहे। इनका कार्यकाल करीब तीन वर्ष का रहा। इस बारे में चौबे परिवार के संजय चतुर्वेदी एवं अनूप चतुर्वेदी ने बताया कि काशीपुर नगर पालिका के पहले व दूसरे चेयरमैन उनके परिवार से ही रहे थे तथा उनके परदादा थे।
काशीपुर के राजसी परिवार से एवं पूर्व सांसद केसी बाबा जनता दल से 24-11-1988 से 19-1-1994 तक चेयरमैन रहे।
तथा मुकेश महरोत्रा तिवारी कांग्रेस से 3-3-1997 से 20-3-2002 तक चेयरमैन रहे।
वर्तमान में काशीपुर नगर पालिका में उषा चौधरी भाजपा 8-2-2003 से 14-2-2008 तक भी वह पालिका अध्यक्ष रहीं।
शमसुद्दीन बसपा से 28-4-2008 से 28-2-2013 तक चेयरमैन रहे।
नगर निगम की मेयर उषा चौधरी भाजपा से 1-3-2013 से 5-5-2018 व
2018 से 2025 मेयर रही है वह नगर निगम की दो बार मेयर रही है
2025 अब नगर की जनता 155 वर्षाे में पहली बार कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी संदीप सहगल को जीताकर मेयर के रूप में इस बार इतिहास बनाने के पूरे मूड में दिख रही है पूरा नगर बदलाव की भूमि में उमड रहा है। ऐसा लगता है कि नगर में चारो ओर युवा, बुर्जुग, महिला मतदाता संदीप सहगल को मेयर के रूप में देखने का मन बना चुके है। मतदाताओं का कहना है कि काशीपुर कस्बा नहीं यह शहर है अब इतिहास बनाने के लिए केवल सात दिन बचे है भाजपा का पिछले वर्षाे में विकास के झूठे वादे करना धरातल पर विकास न दिखाना उनकी गले की फास बनती जा रही है मतदाता इस बार कांग्रेस को यह सीट देकर नगर को विकास की गति पर आगे बढ़ाना चाहते है।