कल रात भारत में प्रकृति की एक अद्भूत घटना
उत्तराखण्ड
6 सितम्बर 2025
कल रात भारत में प्रकृति की एक अद्भूत घटना
काशीपुर। 7 सितंबर 2025 यानी आने वाले रविवार की रात में भारत में प्रकृति की एक अद्भूत घटना देखने को मिलेगी. इस दिन पूर्ण चंद्रग्रहण लगने वाला है, जिसे नंगी आंखों से भी देखा जा सकेगा. हालांकि अब बेहतर अनुभव पाने के लिए दूरबीन या टेलीस्कोप का इस्तेमाल करके सुरक्षित रूप से चंद्रग्रहण को देख सकते हैं. जब चंद्रमा और सूर्य के बिल्कुल बीच में पृथ्वी आ जाती है तब चंद्रग्रहण लगता है. उस वक्त पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, जिससे वो कुछ समय के लिए ढक जाता है और पृथ्वी से इंसानों को दिखाई नहीं देखा. जैसे-जैसे पृथ्वी की छाया चांद पर पड़नी शुरू होती है, वैसे-वैसे पृथ्वी से चांद इंसानों को कटता हुआ नज़र आने लगता है, जिसे आंशिक चंद्रग्रहण भी कहते हैं. कुछ देर बाद पृथ्वी की छाया पूरे चांद पर पड़ जाती है, जिसके कारण पृथ्वी से चांद बिल्कुल भी दिखाई नहीं देता और उसे ही चंद्रग्रहण कहते हैं.
2025 का ब्लड मून
इस बार भारतीय समयानुसार चंद्रग्रहण 7 सितंबर 2025 की रात से शुरू होकर 8 सितंबर 2025 की मध्यरात्रि तक दिखाई देगा. यह पूरी घटना भारत में भी दिखाई देगी, जो कि काफी दुर्लभ दृश्य होगा, क्योंकि भारत में पूर्ण चंद्रग्रहण की घटना दिखना काफी दुर्लभ होता है. इससे पहले भारत में व्यापक रूप से दिखाई देने वाला पूर्ण चंद्रग्रहण 2018 में हुआ था, और अगला ऐसा अवसर 31 दिसंबर 2028 को मिलेगा.
भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) के वैज्ञानिक-ई और IIA-SCOPE के सेक्शन प्रमुख निरुज मोहन रामानुजम ने आने वाले चंद्रग्रहण के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि चंद्रग्रहण कैसे होता है, इसका समय क्या है, और यह ग्रहण खास क्यों हैं. उन्होंने चंद्रमा के लाल रंग के पीछे का वैज्ञानिक कारण भी समझाया और बताया कि यह रंग पृथ्वी के वायुमंडल की स्थिति के बारे में कैसे जानकारी देता है.
जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया से गुजरता है, तो वह दो अलग-अलग क्षेत्रों से होकर गुजरता है:
पेनोंब्रा (Penumbra): यह छाया का बाहरी और हल्का हिस्सा होता है.
अम्ब्रा (Umbra): यह छाया का भीतरी और गहरा हिस्सा होता है.
चंद्रमा पहले पेनोंब्रा में प्रवेश करता है और फिर अम्ब्रा में और फिर अंत में पहले अम्ब्रा और फिर पेनोंब्रा में प्रवेश करते हुए छाया से बाहर निकलता है. जब चंद्रमा पेनोंब्रा में होता है, तब उसकी चमक में आई कमी काफी हल्की होती है, जिसे नंगी आंखों से नोटिस कर पाना काफी मुश्किल होता है, लेकिन जब चंद्रमा अम्ब्रा में होता है, तब पृथ्वी की गहरी छाया चांद को पूरी तरह से ढक लेती है और फिर पृथ्वी से पूर्ण चंद्रग्रहण देखने को मिलता है.
7 सितंबर को चंद्रग्रहण देखने का समय
पेनोंब्रल ग्रहण रात 8:58 बजे शुरू होगा. उस वक्त चंद्रमा की चमक में सिर्फ 10% की कमी आएगी.
वास्तविक आंशिक ग्रहण रात 9:57 बजे शुरू होगा. उस वक्त पृथ्वी से चांद की चमक में थोड़ी ज्यादा कमी आएगी और ग्रहण दिखने लगेगा. उसके बाद चांद को पूरी तरह से अम्ब्रा में जाने में करीब एक घंटा लगेगा.
पूर्ण चंद्रग्रहण रात 11:01 बजे शुरू होगा. उस वक्त चांद पृथ्वी की गहरी छाया से पूरी तरह ढक जाएगा और तभी इंसानों को पृथ्वी से पूर्ण चंद्रग्रहण देखने को मिलेगा.
पूर्ण चंद्रग्रहण की टाइमिंग
पूर्ण चंद्रग्रहण की शुरुआत रात 11:01 बजे शुरू होगी और लगभग 82 मिनट तक चलेगी. इस दौरान चंद्रमा अम्ब्रा के एक किनारे से दूसरे किनारे तक जाएगा.
उसके बाद रात 12:22 बजे पूर्ण चंद्रग्रहण समाप्त हो जाएगा, तब चंद्रमा अम्ब्रा से बाहर निकलना शुरू करेगा.
रात 1:26 बजे चांद फिर से पेनोंब्रा में प्रवेश करेगा, जो 2:25 बजे समाप्त होगा.


