ओबीसी का सर्वे पूर्ण अगले माह सौंपी जा सकती है रिपोर्ट
उत्तराखण्ड
28 नवम्बर 2023
ओबीसी का सर्वे पूर्ण अगले माह सौंपी जा सकती है रिपोर्ट
देहरादून। उत्तराखंड के नगर एवं ग्रामीण निकाय क्षेत्रों के अंतर्गत ओबीसी (अदर बैकवर्ड क्लास) के पिछड़ेपन की प्रकृति और निहितार्थों की समसामयिक अनुभवजन्य पड़ताल के लिए गठित एकल सदस्यीय समर्पित वर्मा आयोग अगले माह नगर निकायों से संबंधित रिपोर्ट सरकार को सौंप सकता है।
राज्य में सभी नगर व ग्रामीण निकायों में ओबीसी का सर्वे पूर्ण हो चुका है। साथ ही आयोग जनसुनवाई भी पूरी कर चुका है। अब आंकड़ों का विश्लेषण चल रहा है। सबसे पहले नगर निकायों में ओबीसी की स्थिति और प्रस्तावित आरक्षण से संबंधित रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
इसके आधार पर अगले वर्ष होने वाले नगर निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण का निर्धारण होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने गत वर्ष 27 जुलाई को नगर व ग्रामीण निकायों में ओबीसी की वास्तविक स्थिति के आकलन के दृष्टिगत नैनीताल हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीएस वर्मा की अध्यक्षता में एकल समर्पित आयोग का गठन किया। इस वर्ष जुलाई में आयोग का कार्यकाल छह माह के विस्तारित किया गया। आयोग ने सबसे पहले हरिद्वार जिले के ग्रामीण निकायों (ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायत) में ओबीसी सर्वेक्षण और जनसुनवाई के बाद अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी।
इसी के आधार पर हरिद्वार जिले में ग्रामीण निकायों के चुनाव में ओबीसी आरक्षण का निर्धारण किया गया। इस बीच नगर निकायों का कार्यकाल खत्म होने के दृष्टिगत वहां ओबीसी की स्थिति के संबंध में पड़ताल की गई। वर्तमान में राज्य में 102 नगर निकाय कार्यरूप में परिणत हैं। इनमें से बदरीनाथ, गंगोत्री व केदारनाथ में चुनाव नहीं होते। शेष 99 निकायों में ओबीसी सर्वे का कार्य पूरा होने के बाद आयोग ने संबंधित जिलों में जाकर जनसुनवाई की। आयोग के सदस्य सचिव का प्रभार देख रहे पंचायती राज विभाग के उप निदेशक मनोज कुमार तिवारी के अनुसार नगर निकायों के ओबीसी सर्वे के आंकड़ों का परीक्षण चल रहा है।
साथ ही जनसुनवाई में सामने आए बिंदुओं को भी इसमें समाहित किया जा रहा है। प्रयास यह है कि 15 दिसंबर तक नगर निकायों में ओबीसी से संबंधित रिपोर्ट शासन को सौंप दी जाए। साथ ही आयोग अपने सुझाव भी इसमें शामिल करेगा।
कहीं संख्या बढ़ी तो कहीं घटी नगर निकायों में ओबीसी की सर्वे रिपोर्ट में प्रारंभिक तौर पर हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर, उत्तरकाशी व टिहरी जिलों में ओबीसी की संख्या कुछ बढ़ी दिख रही है। कुछ जिलों के निकायों में यह घटी भी है। सही स्थिति रिपोर्ट तैयार होने के बाद ही सामने आ पाएगी। बढ़ सकता है आयोग का कार्यकाल एकल सदस्यीय समर्पित वर्मा आयोग का कार्यकाल फिर बढ़ सकता है।