ऋषि सत्पुरुष बाबा फुलसन्दे का तीन दिवसीय सत्संग समारोह प्रारम्भ
उत्तराखण्ड
3 जून 2025
ऋषि सत्पुरुष बाबा फुलसन्दे का तीन दिवसीय सत्संग समारोह प्रारम्भ
काशीपुर । एक तू सच्चा तेरा नाम सच्चा धर्मार्थ सेवा समिति के तत्वाधान में आयोजित तीन दिवसीय सत्संग समारोह के प्रथम दिन काशीपुर पहुंचने पर सत्पुरुष बाबा फुलसंदे वालों का ढोल आदि के द्वारा तथा फूल माला पहनाकर भव्य स्वागत किया गया।
उपरोक्त जानकारी प्रेस व्यक्ति विज्ञप्ति के माध्यम से विजेंद्र पाल सिंह एडवोकेट ने देते हुए बताया कि भजन वाणी, 200 बजे से सत्पुरुष बाबा फुलसंदे वालों के मुखारविंद से अमृतमई वचनों की वर्षा रामनगर रोड स्थित रामलीला के बड़े सभागार में एक तू सच्चा तेरा नाम सच्चा मंत्र के ऋषि सत्पुरुष बाबा फुलसन्दे वालों ने आज रामलीला हाल काशीपुर में तीन दिवसीय सत्संग के पहले दिन कहा -कि चित्त सदा चंचल है इसमें बहुत से विकार आते रहते हैं इसमें ज्ञान क्षण भर को ठहरता है, इसमें ज्ञान ज्योति को रोक कर रखना कठिन है और इसका निवारण करना भी दुष्कर है। ऐसे चित्त को ज्ञानी पुरुष उसी प्रकार सीधा करता है जैसे बाण बनाने वाला लोहार यत्न पूर्वक बाण को आग में तपा कर छेद कर अनेक प्रयास करके उसे ठीक करता है। जिसका मन अस्थिर है जो धर्म आचरण को नहीं जानता, जिसकी श्रद्धा अस्थिर है उसकी बुद्धि भी पूर्ण नहीं हो सकती ना उसे सुख प्राप्त हो सकता है। मनुष्य क्रोध में बहुत कुछ अनर्थ कर डालता है अगर वह धैर्य रखें तो बहुत से संकट और आपदा टल जाती हैं। इस शरीर को घड़े के समान अनित्य समझो, चित्त को नगर में भटकने वाला कुत्ता समझो। मन को जीत लेने पर ही जीवन की रक्षा हो पाती है। जो चरित्रवान और अधिक विनम्र तथा अधिक धर्म आचरण करने वाला अपने को शिक्षित करने वाला पुरुष है इस पृथ्वी पर शांत आत्मा होकर विचरता है। देवगंण उसकी मित्रता को चाहते हैं। धर्म आचरण में कुशल तथा सावधान रहने वाला व्यक्ति कल्पवृक्ष के पुष्पों की तरह धर्म पदों को अपने जीवन पर्यंत चुगने में लगा रहता है वह ज्ञानी होने का अभिमान नहीं करता वह आत्मा में मृदु बना रहता है। अंत में उन्होंने कहा यदि ईश्वर के वचन को आचरण में नहीं ढाला जाता तो वह सुगंधित फूल के समान है। सुंदर वर्णयुक्त गंधहीन पुष्प जैसा होता है। वैसे ही कथनाअनुसार आचरण न करने वाले के लिए सुभाषित वाणी निष्फल होती है। अंत में उन्होंने कहा मेरे राष्ट्र का प्रत्येक नागरिक आत्मा से तपस्वी और शरीर से एक मजबूत सैनिक बने जो अपने धर्म की अपने राष्ट्र की सेवा कर सके रक्षा कर सकें।। सत्संग के पश्चात भंडारे का आयोजन भी किया गया।।
इस अवसर पर प्रदीप कुमार मिश्रा ऋषिपाल सिंह बैरागी राजीव लाठी विजेंद्र पाल सिंह मनोज चौधरी राजेंद्र सिंह मुकेश चौधरी हरिदास शर्मा हरी राज शर्मा श्रीमती संध्या मिश्रा श्रीमती कुसुम राठी श्रीमती शशि चौधरी श्रीमती कंचन पुष्कर श्रीमती पायल त्यागी सहित सैकड़ो सत्संगी एवं धर्म प्रेमी जन मौजूद रहे
अंत में उन्होंने बताया कि उक्त सत्संग का आयोजन आगामी 4 एवं 5 जून को भी होगा जिसमें समस्त धर्म प्रेमी जनता से अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर दोपहर 1.00 से 3.00 बजे तक सत्संग का लाभ उठाने का आवाहन किया