उपभोक्ताओं ने एक सुर में कहा बिजली दरों की इस अचानक होने वाली बढ़ोतरी से आजादी चाहिए
उत्तराखण्ड
16 अगस्त 2024
उपभोक्ताओं ने एक सुर में कहा बिजली दरों की इस अचानक होने वाली बढ़ोतरी से आजादी चाहिए
देहरादून। प्रदेश में एक अप्रैल से लागू हुई बिजली दरों में और बढ़ोतरी को लेकर यूपीसीएल की ओर से दायर याचिका की स्वीकार्यता पर जनसुनवाई हुई। सुनवाई में आए उपभोक्ताओं ने एक सुर में कहा, उन्हें बिजली दरों की इस अचानक होने वाली बढ़ोतरी से आजादी चाहिए।
सभी हितधारकों ने एक सुर में यूपीसीएल की याचिका अस्वीकार करने की मांग की। आयोग ने इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। बुधवार को नियामक आयोग में कार्यवाहक अध्यक्ष एमएल प्रसाद और सदस्य विधि अनुराग शर्मा की पीठ ने यूपीसीएल की याचिका की स्वीकार्यता पर जनसुनवाई की।
यूपीसीएल ने एक अप्रैल से लागू हुई दरों में 8.56 प्रतिशत बढ़ोतरी के लिए पुनर्विचार याचिका दायर की है। उद्योगपति राकेश भाटिया ने कहा, हर साल बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रावधान है, लेकिन बीच में इसमें बढ़ोतरी का कोई आधार नहीं है। उन्होंने मांग की कि नियामक आयोग इस याचिका पर विचार ही न करे।
इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने कहा, नियामक आयोग के अधिनियम की धारा-62 के अंतर्गत साल में केवल एक बार ही याचिका दायर की जा सकती है। पुनर्विचार याचिका केवल नई दरें लागू होने के 60 दिन के भीतर दायर करने का नियम है, जिसे यूपीसीएल ने दरकिनार किया है।
कहा, उत्तराखंड में उद्योगों को बिजली 9.86 रुपये की दर पर मिल रही है, जबकि पंजाब ने 6.25 रुपये, हिमाचल में 5.92 रुपये, दिल्ली में 7.75 रुपये और गुजरात में चार रुपये की दर पर मिलती है। कहा, पुनर्विचार का कोई प्रावधान ही नहीं बचा है। आयोग ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है