उत्तराखंड

अब इन मंदिरों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य

उत्तराखण्ड
28 जुलाई 2025
अब इन मंदिरों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य
देहरादून। हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में मची भगदड़ में 8 लोगों की मौत हो गई है. इस घटना के बाद अब राज्य सरकार ने निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक ली. बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि उत्तराखंड के प्रमुख धार्मिक स्थल जिसमें –
हरिद्वार स्थित मनसा देवी-चंडी देवी मंदिर,
टनकपुर स्थित पूर्णागिरि धाम,
नैनीताल के कैंची धाम,
अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम,
पौड़ी स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर समेत
अन्य प्रसिद्ध मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं.

सीएम धामी ने कहा कि इन मंदिरों में भीड़ प्रबंधन, श्रद्धालु पंजीकरण, पैदल मार्गों और सीढ़ियों का चौड़ीकरण, अतिक्रमण हटाने समेत अन्य सभी मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. ताकि, श्रद्धालु सुगमता और सुरक्षित तरीके से दर्शन कर सकें. उन्होंने निर्देश दिए कि दोनों मंडलों के आयुक्तों (कमिश्नर) की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाए. इस समिति में संबंधित जिलों के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष और कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सदस्य के रूप में शामिल किया जाए.

मंदिरों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का पंजीकरण होगा अनिवार्य- वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने खासकर मनसा देवी मंदिर परिसर और अन्य प्रमुख मंदिर परिसरों के सुनियोजित विकास, धारणा क्षमता में वृद्धि व व्यवस्थित दुकान प्रबंधन के निर्देश दिए. जिसके तहत श्रद्धालुओं के लिए दर्शन की व्यवस्था को मजबूत, व्यवस्थित और सुगम बनाया जाए. इसके अलावा श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य रूप से किया जाए और दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या नियंत्रित करने को कहा है. ताकि, भीड़ नियंत्रण में रहे और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े

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