उत्तराखंड

निकाय चुनाव – नाराजगी के अलावा अब दावेदारों की होड़ भी पार्टी के लिए बनी नई चुनौती

संदीप कुमार – संवाददाता
उत्तराखण्ड
20 दिसम्बर 2024
निकाय चुनाव – नाराजगी के अलावा अब दावेदारों की होड़ भी पार्टी के लिए बनी नई चुनौती
देहरादून। उत्तराखंड में निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। आरक्षण सूची जारी होने के बाद भाजपा के नेताओं में देखी गई नाराजगी के अलावा अब दावेदारों की होड़ भी पार्टी के लिए नई चुनौती बनती जा रही है। भाजपा में प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया किस तरह से चल रही है, वहीं निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले की प्रक्रिया में आरक्षण की सूची जारी हो चुकी है। इसके जारी होते ही सियासी घमासान भी देखने को मिल रहा है। एक तरफ दावेदारी की दौड़ से बाहर हुए तमाम लोगों ने आरक्षण की सूची पर आपत्ति दर्ज की है। हालांकि इन आपत्तियों से कुछ हासिल होगा, यह कह पाना बेहद मुश्किल है। यानी साफ लग रहा है कि आरक्षण की यह सूची बमुश्किल ही बदली जाएगी। जहां तक बात आपत्तियों की है, तो आपत्ति दर्ज करने की तिथि खत्म होते ही हो सकता है कि निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी जाए।

इसके लिए पार्टी ने सभी नगर निगम के लिए तीन-तीन लोगों की एक कमेटी पर्यवेक्षकों के तौर पर गठित की है। इसके अलावा पार्टी के 19 संगठनात्मक जिलों में भी जितने भी नगर निकाय हैं, सभी के लिए एक कमेटी गठित की है. इस तरह से 11 नगर निगम के लिए 11 कमेटियां पर्यवेक्षकों की नियुक्ति गई हैं। बाकी 19 संगठनात्मक जिलों के लिए 15 कमेटी बनाई गई हैं. इस तरह से पूरी एक्सरसाइज करके 21 तारीख तक प्रत्याशियों के चयन की सूची प्रदेश नेतृत्व को पर्यवेक्षकों द्वारा सौंप दी जाएगी।

उत्तराखंड में जिस तरह से चुनाव का दौर इस वक्त चल रहा है और प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी भाजपा में इस वक्त प्रदेश के 70 फीसदी से ज्यादा नेता शामिल हैं, ऐसे में हर किसी को चुनाव लड़ने की महत्वाकांक्षा है। इसी को देखते हुए जहां एक तरफ आरक्षण सूची जारी होती ही भाजपा के ही लोगों में असंतोष देखने को मिला, तो वहीं आप प्रत्याशी चयन के बाद भी भारतीय जनता पार्टी में कार्यकर्ताओं में काफी असंतोष देखने को मिल सकता है।

 

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